हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "ग़ेरर उल-हिकम" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامير المؤمنين عليه السلام:
خَيْرُ اَلْمَعْرُوفِ مَا لَمْ يَتَقَدَّمْهُ اَلْمَطَلُ وَ لَمْ يَتْبَعْهُ اَلْمَنُّ.
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने फ़रमायाः
सबसे अच्छी नेकी वह है जो बिना देरी के की जाए और जिसमें नेकी का दिखावा न हो।
ग़ेरर उल-हिकम, हदीस 4999
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